ज़ख़्म-ए-उम्मीद भर गया कब का | |
क़ैस तो अपने घर गया कब का | |
अब तो मुँह अपना मत दिखाओ मुझे | |
नासेहो मैं सुधर गया कब का | |
आप अब पूछने को आए हैं | |
दिल मिरी जान मर गया कब का | |
आप इक और नींद ले लीजे | |
क़ाफ़िला कूच कर गया कब का | |
मेरा फ़िहरिस्त से निकाल दो नाम | |
मैं तो ख़ुद से मुकर गया कब का | |
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