जब तोड़ा उसने दिल मेरा,
तो क्या उसको भी कुछ हुआ होगा,
कहकर बेवफा जब निकाला उसने दिल से,
कहकर बेवफा जब निकाला उसने दिल से,
दिल के किसी कोने में, बना तो एक कुँआ होगा,
बेशक मोहब्बत ना रही होगी, उसको मुझसे,
बेशक, मोहब्बत, ना रही होगी उसको मुझसे,
पर अश्क की एक बूंद में तो, लब उसका भी छुआ होगा,
झटक कर फेंका होगा, तकिया उसने मुझे समझकर,
झटक कर, फेंका होगा, तकिया उसने मुझे समझकर,
उठा कर फिर लिपट गई होगी, वो उससे,
जब एहसास-ए-जुदाई हुआ होगा,
फिर कुछ देर तो रोइ होगी, छिपा कर मुँह कंबल में,
क्या खुदा इतना भी दर्द उसको नहीं हुआ होगा ।।
📝✍️ HEMRAJ
0 Comments