अब तू लाख पुकार, अब मैं आने वाला नहीं,
बदल गया हूँ,
अब पहले वाला नहीं,
करती थी तू तो बात मुझसे, एहसान की तरह
रहते हुए फ्री काट देती थी,
फोन किसी गैर की तरह,
अब कर तू कुछ भी,
मैं तेरी इन भोली बातों,
में आने वाला नहीं,
बदल गया हूँ,
अब पहले वाला नहीं,
मैं पागल था तेरे प्यार में,
पर तू कहीं और रहती थी Busy,
तेरी नजर में शायद,
मुझको बेवकूफ बनाना था Easy,
बेशक थी तू मेरी हर कहानी की रानी,
पर अब मैं वह राजा नहीं,
बदल गया हूँ,
अब पहले वाला नहीं,
तुझसे करता था प्यार बहुत,
पर तुने दिल मेरा तोड़ दिया,
बीच भंवर में लाकर मुझको,
दामन मेरा छोड़ दिया,
क्या सोचा पल भर तूने,
क्यों मैंने यह रिश्ता तोड़ दिया,
क्योंकि समझ चुका था कि,
तुझसे यह रिश्ता निभने वाला नहीं,
बदल गया हूँ,
अब पहले वाला नहीं,
बैठा , देखा, सोचा जो सारे मंजर थे,
ना जाने पीठ पर मेरे कितने खंजर थे,
पागल था भूल गया था सब,
मासूम समझ के तुझको,
पर अब दर्द जो देगी मुझको,
अब वो मैं सहने वाला नहीं,
बदल गया हूँ,
अब पहले वाला नहीं,
प्यार की एक झलक को अब,
तेरी मैं तरसने वाला नहीं,
देखकर दर्द तमाम क्या सोचा तूने,
कि अब मैं हंसने वाला नहीं,
बहुत खेल लिया तेरा यह,
सांप सीढ़ी वाला प्यार का खेल,
एक बात समझ ले तू अब,
तेरा 99 वाला सांप मुझको डसने वाला नहीं,
बदल गया हूँ,
अब पहले वाला नही।
📝 ✍️ Hemraj
0 Comments