उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती |
हमको ही ख़ासकर नहीं मिलती |
शायरी को नज़र नहीं मिलती |
मुझको तू ही अगर नहीं मिलती |
रूह में, दिल में, जिस्म में दुनिया |
ढूंढता हूँ मगर नहीं मिलती |
लोग कहते हैं रूह बिकती है |
मैं जहाँ हूँ उधर नहीं मिलती |
उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती |
हमको ही ख़ासकर नहीं मिलती |
शायरी को नज़र नहीं मिलती |
मुझको तू ही अगर नहीं मिलती |
रूह में, दिल में, जिस्म में दुनिया |
ढूंढता हूँ मगर नहीं मिलती |
लोग कहते हैं रूह बिकती है |
मैं जहाँ हूँ उधर नहीं मिलती |
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