ना आता कंघी करना, माँ से जब बाल कंघी करवाते हैं,
होने पर जूते गन्दे, सफेद वाले, चाक से चमकाते हैं,
पोंछ के काले जूते पेंट पर अपने, माँ की डांट खाते हैं,
वो स्कूल के दिन मुझे बहुत याद आता हैं ।।1।।
जब हम दोस्तों की चॉकलेट चुरा कर खा जाते हैं, ढूंढने पर बस मुस्कुराते हैं,
खाकर आइसक्रीम ऑरेंज वाली, जीभ का कलर दिखाते हैं,
बतासे देख कर आता है मुंह में पानी, इमली-जलजीरा के लिए लार टपकाते हैं,
फिर पकड़कर दोस्त को अपने, खिलाने के लिए मनाते हैं,
वो स्कूल के दिन मुझे बहुत याद आता हैं ।।2।।
देते हैं जगह बैठने की दोस्त को अपने, बैठने पर बेंच खिसकाते हैं,
अगर गिर गया इससे कोई तो, इस बात पर फिर पूरे दिन हंसते हंसाते हैं,
घर लौटते हैं फिर साथ उसी के, रास्ते की किसी भी चीज को फुटबॉल बनाते हैं,
फिर खेलते मुस्कुराते सब घर तक साथ जाते हैं
पड़ जाए घर अपना ही पहले भले, पर दोस्त को घर छोड़कर वापस आते हैं,
वो स्कूल के दिन मुझे बहुत याद आता हैं ।।3।।
जब आते हैं लेट स्कूल तो, सर से सजा पाते हैं,
अक्सर प्रेयर में नहीं जाते, क्लास में ही रुक जाते हैं,
फिर चबाते हैं नाखून दाँतों से, जब पकड़े जाते हैं,
और फिर वही पुराना, पेट दर्द का बहाना बना सर को मनाते हैं,
वो स्कूल के दिन मुझे बहुत याद आता हैं ।।4।।
पढ़ने का मन नहीं होता अगर, तो सर को गेम्स के लिए पटाते हैं,
ना याद किया हमने, और भूल गए सर यूनिट टेस्ट, तो पूरी शिद्दत से बुलाते हैं,
वो स्कूल के दिन मुझे बहुत याद आता हैं ।।5।।
जाड़ों में भले कट रही हो क्लास में मौज अपनी,
फिर भी धूप में क्लास के लिए गिड़गिड़ाते हैं,
आ रहा हो पसीना फिर भी, झूँठी कपकपी उनको दिखाते हैं,
अगर लग गई क्लास धूप में तो, रखकर किताबें टेबल पर,
फिर सब अपनी-अपनी आपबीती सुनाते हैं,
वो स्कूल के दिन मुझे बहुत याद आता हैं ।।6।।
भले बाकी हो, लंच में कुछ ही देर, पर पहले ही लंच चट कर जाते हैं,
पीने पानी कभी अकेले नहीं जाते, एक पे एक मुफ्त का स्लोगन पूरा अपनाते हैं,
दोस्तों के साथ जाकर वॉशरूम में, दीवार पर लिखी हर बात सुनाते हैं,
बस इन्हीं चीजों में टाइम लगाते हैं, और हो सके जितना उतना लेट आते हैं,
फिर सर के डांटने में बस मुस्कुराते हैं,
वो स्कूल के दिन मुझे बहुत याद आता हैं ।।7।।
साल भर तो करते रहते हैं मस्ती, फिर एग्जाम से पहले सिर चकराते हैं,
लगा कर दिन भर चक्कर, सर के आगे पीछे, इम्पोर्टेन्ट पे टिक लगवाते हैं,
फेयरवेल पार्टी में जब जूनियर लड़कों से, ब्रेक डांस करवाते हैं,
निकल जाते हैं पास होकर भले, टीचर पर पहला क्रश नहीं भूल पाते हैं,
वो स्कूल के दिन मुझे बहुत याद आता हैं ।।8।।
त्योंहारो का असली मजा भी हम, बस वही सब के साथ ले पाते हैं, होली, ईद, बैशाखी या हो क्रिसमस, हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई साथ मनाते हैं,
सब से छिपते-छिपाते जाते हैं बाथरूम, दिवाली के पटाखे वहीं फोड़कर आते हैं,
जब पूछते हैं सर किसने किया, तो सबसे मासूम हमी नजर आते हैं,
वो स्कूल के दिन मुझे बहुत याद आता हैं ।।9।।
वह स्कूल ही तो है जो, हमें यहां तक पहुंचाते हैं,
हमें बनाते हैं काबिल और एक मंजिल दिलाते हैं,
पहुंचकर मंजिल पर अक्सर हम, गुरुओं को क्यों भूल जाते हैं,
जब कभी हमारे वह हैंडसम सर, बूढ़ा चेहरा लेकर सामने आते हैं,
चेहरे पर रहती है, वही मुस्कुराहट, और आंखें नम कर जाते हैं,
वो स्कूल के दिन मुझे बहुत याद आता हैं ।।10।।
✍️✍️HEMRAJ
1 Comments
बहुत सुन्दर भाई साहब
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