दिल मे तन्हाई के जख्मों को,
यादों के नाखूनों से खरोच के देखा है,
सच मानो यार मेरे,
मैंने भी रोके देखा है,
कोई नहीं होता था जब घर में मेरे,
आँसू भी तब न थमते मेरे,
अपनी इन आंखों को,
किसी और का होते देखा है,
सच मानो यार मेरे,
मैंने भी रो कर देखा है,
अगर कर लिया है तुमने यारों,
प्यार, इश्क, मोहब्बत सारों,
तो गौर से सुन लो मेरे प्यारों,
मैंने मोम को पत्थर होते देखा है,
सच मानो यार मेरे,
मैंने भी रोके देखा है,
एक फूल सी लड़की होती थी,
जो साथ हमारे जगती थी,
और साथ हमारे सोती थी,
वो साथ हमारे हंसती थी,
और साथ हमारे रोती थी,
उस हंसी के कारण को अपने,
खुद पर हंसते देखा है,
सच मानो यार मेरे,
मैंने भी रोके देखा हैं।
📝 ✍️ Hemraj
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